Tuesday, September 8, 2020

Murrah Buffalo

 मुर्रा भैंस भैंसों की एक पालतू प्रजातियां में से है जो आमतौर पर दूध का उत्पादन करने के लिए पाली जाती है दूध में ज्यादा बसा उत्पादन के लिए सबसे अच्छी नस्ल मुर्रा भैंस ही मानी जाती है हरियाणा में तो इसे काला सोना भी कहा जाता है क्योंकि यह बहुत ज्यादा दूध देती है और इसके दूध में अधिक मात्रा में बसा होती है।

Murrah Buffalo

                                   Murrah Buffalo

इस नस्ल की भैंस के सींग जलेबी आकार के होते हैं जाने कि मुझे बिल्कुल ही गोलाकार के होते हैं इसके दूध में तकरीबन 7% बसा पाई जाती है इस भैंस का रंग तकरीबन काला ही होता है मुर्रा भैंस एक ऐसी बहस है जो के कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी खुद को अच्छे से ढाल लेती है जाने की कठिन परिस्थितियों में विजय अनुकूल बनी रहती है यह बहन से ज्यादातर डेरी खेती के लिए अत्यधिक उपयोगी मानी जाती है।

मुर्रा भैंस कहां पायी जाती है ?

मुर्रा नस्ल की भैंस को काली कुंडी और दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है इस नस्ल की भैंस आमतौर पर दिल्ली रोहतक, गुड़गांव, जींद जिले शामिल है हालांकि आमतौर पर मुर्रा भैंस पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी पाई जाती है इसके अलावा मुर्रा भैंस का प्रयोग भारत के विभिन्न हिस्सों में गैर विवरणी भैंस को उन्नत करने के लिए भी कर रहे हैं।

मुर्रा भैंस 1 दिन में कितना दूध दे देती है ?

 एक मुर्रा भैंस की नस्ल 1 दिन में तकरीबन 10 लीटर से लेकर 16 लीटर तक दूध दे सकती है इनकी कुछ ऐसी प्रजातियां भी है जो कि 16 लीटर से भी ज्यादा दूध दे सकती है किंतु जो बहस वो जितना ज्यादा दूध देती है उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होती है इस बहस की पैदावार तकरीबन 2500 से 3600 लीटर प्रति लीटर तक होती है।

मुर्रा भैंस खरीदने के लाभ ?

  • मुर्रा भैंस एक ऐसी नस्ल की भैंस है जो के हर प्रकार की जलवायु परिस्थितियों को अपना लेती है चाहे फिर ज्यादा गर्मी हो जा फिर ज्यादा सर्दी यह हर प्रकार के मौसम मैं खुद को अच्छे से ढाल लेती है इसलिए मुर्रा भैंस भारत के अधिकांश राज्यों में पाली जाती है
  • मुर्रा भैंस आम तौर पर  दूसरी भैंसों से ज्यादा दूध का उत्पादन करती है यह आमतौर पर प्रति दिन लगभग 9 से लेकर 16 लीटर तक दूध दे देती है।
  • इन पशुओं के और भी बड़े फायदे हैं वह क्रॉस ब्रेड गायों की तुलना में ज्यादा रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले होते हैं।
  • इस मुर्रा भैंस के दूध में वसा ज्यादा मात्रा में पाई जाती है जिस कारण इसके दूध की कीमत भी ज्यादा मिलती है और अच्छा मुनाफा भी मिलता है।
  • इस भैंस की काल अवधि 400 से 500 दिनों की होती है पीरियड समय के दौरान इस भैंस का दैनिक स्तन पान 12 से 14 लीटर किंतु 30 लीटर तक दूध का उत्पादन भी दर्ज किया गया है।


मुर्रा भैंस कितने दिनों तक दूध देती है?

 मुर्रा Buffalo से लगभग 270 से 300 दिनों तक दूध देती है दूसरी भैंस की नस्लें से यह ज्यादा दिनों तक दूध देने वाली नस्ल है।

मुर्रा भैंस की कीमत क्या है?

मुर्रा भैंस की कीमत लगभग ₹60000 से लेकर ₹120000 तक होती है।

मुर्रा भैंस की शारीरिक क्षमता है

 इस भैंस का चेहरा तुलनात्मक रूप से लंबा होता है इसकी गर्दन भी लंबी होती है इस भैंस का रंग आमतौर पर काला ही होता है हालांकि कुछ ऐसी बहन से भी होती है जिनका चेहरा थोड़ा सफेद होता है उसके चेहरे पर सफेद निशान पाई जाती है लेकिन यह काली भैंस की तुलना में ज्यादा प्रसिद्ध नहीं है इसे कम ही खरीदा जाता है।

मुर्रा भैंस की पूंछ लंबी और पूछ पर घने बाल भी होते हैं।

मुर्रा भैंस के सिंगर दूसरी भैंस की नस्ल से छोटे होते हैं इसके सींग गोल एवं घुमावदार होते हैं।

मुर्रा भैंस की त्वचा दूसरी नस्ल की भैंस और से काफी मुलायम होती है और इसके पूरे शरीर पर चिकने बाल भी होते हैं।

मुर्रा भैंस का वजन तकरीबन साढे़ 400 किलोग्राम से लेकर 500 किलोग्राम तक हो सकता है।

मुर्रा भैंस का गर्भकाल समय 310 दिनों से लेकर 315 दिनों तक होता है।

मुर्रा भैंस की उचित देखभाल से इनसे ज्यादा दूध हासिल किया जा सकता है जैसे कि किसी बीमारी के प्रकोप के समय समय पर टीका करण करवाना चाहिए और इन्हें बार-बार नहलाना भी चाहिए।

मुर्रा भैंस की पहचान कैसे करें ?

आमतौर पर पशु पालक मंडियों में जाकर भैंस खरीद तो लाते हैं किन्तु कभी-कभी वह ठगी का शिकार भी हो जाते हैं जिससे पशु खरीदने वाले को काफी नुकसान हो जाता है यदि आप मंडियों में जाकर पशु खरीदते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो आपको पशु खरीदते समय काम आएंगी

मुर्रा भैंस मंडी या बाजार में खरीदते समय ध्यान रखें कि इस भैंस का रंग एकदम काला होता है और इसके सींग मुड़े हुए होते हैं और गोलाकार होते हैं।

मुर्रा भैंस का शरीर एकदम तिकोना सा होता है मतलब की इस नस्ल का शरीर पीछे की तरफ भारी होता है और आगे से सकरा होगा इसके पैर मजबूत और जमीन पर टिकाऊ होते है।

पशु को लेते समय उसके थनों के आकार को जरूर देखें चारों थनों की बराबर लंबाई और दूरी को अच्छे से देख ले।

आमतौर पर व्यापारी लोग क्या करते हैं कि वह सुबह के समय पशुओं को बेचने के लिए मंडियों में आते हैं जबकि शाम के समय वह भैंस का दूध नहीं निकालते जिस कारण सुबह के समय दूध थनों में चढ़ा हुआ मिलता है उस वक्त तक जब कोई भैंस 5 या 6 लीटर दूध देती है तो वह उस वक्त 8 या 9 लीटर देगी।

पशु को खरीदते वक्त उसकी उम्र पर जरूर ध्यान दें इसकी उम्र का पता लगाने के लिए आप उसके दांतों को देख सकते हैं पशु के मुंह के निचले हिस्से में स्थाई दातों पर चार जोड़े  होते हैं यह सभी जोड़े एक साथ नहीं निकलते बल्कि अलग-अलग समय पर निकलते हैं दांतों का पहला जोड़ा तकरीबन 2 से ढाई साल की उम्र में जबकि दूसरा जोड़ा 3 साल की उम्र में और तीसरा जुड़ा 4 साल की उम्र में हर चौथा जोड़ा अंत की उम्र में ही निकलता है इस प्रकार इन बातों को देखकर आप उसकी उम्र का अंदाजा लगा सकते हैं।

 


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