Essay on Road Accident in Hindi : Sadak Durghatna (Road Safety)
भारत में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं सड़क सुरक्षा आज के भारत की सबसे मह्त्वपूर्ण जरूरत बन चुका है। 1990 के दशक में भारतीय सड़कों पर वाहनों की संख्या 3 करोड़ के पास थी जो आज बढ़कर 15 करोड़ का आंकड़ा पार कर गयी है जो निरंतर गति से बढ़ती ही जा रही है। स्पष्ट है वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या भारत जैसे देश के लिए एक विनाशकारी संकट का स्पष्ट संकेत दे रही है।सड़क पर होने वाली ऐसी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण लोगों द्वारा सड़क यातायात नियमों की अनदेखी करना है। तेज़ गति में गाडी चलाना , नशे में ड्राइविंग और गलत दिशा में गाड़ी चलाना आदि दुर्घटनाओं की मुख्य वजय है। सबसे ज्यादा हादसे वाहन चालकों की लापरवाही के चलते होते हैं इसमें सबसे अधिक नशीले पदार्थों का सेवन जा अधिक माल लादना प्रमुख हैं। जिस कारण हर वर्ष भारत में 3 लाख से भी ज्यादा लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवा देते हैं वहीँ 10 लाख से अधिक लोग गंभीर रूप से जख़्मी हो जाते हैं। इसीलिए वास्तव में सड़क दुर्घटना को गंभीर रूप से लिए जाने की जरूरत है
देश में होने वाली सड़क सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) में लगभग 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं वाहन चालक की गलती से होती हैं इसीलिए सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान वाहन चालकों की गलती को सुधारने में करना चाहिए। इसके लिए वाहन चालकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता फ़ैलाने की जरूरत है। सड़क सुरक्षा के लिए सड़क नियमों की पालना करें तभी सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। सड़क दुर्घटना को किस्मत नहीं माना जा सकता सड़क दुर्घटना (Road Accident) को रोकना तो हमारे हाथ में हैं। इसके लिए सड़क पर चलने के कुछ नियम हों गति सीमा , सीट बेल्ट लगाना , ड्राइविंग के समय मोबाइल फ़ोन का प्रयोग ना करना , हैल्मैट पहनना , नशे में ड्राइविंग ना करना जैसे और भी कई नियम बनाये जाने चाहिए बल्कि इन सभी का कठोरता से पालन भी करवाया जाए।
सड़कों पर जगह -जगह कैमरे लगाये जाए , गति मापक यंत्र लगाये जाने चाहिए , नशे में वाहन चलाने पर लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए और भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली को सख्त किया जाना चाहिए।
भारत के नागरिकों को चाहिए के वाहन शौंक के लिए नहीं बल्कि इन्हे जरूरत के रूप में ही इस्तेमाल करें दूसरे देशों की तरह भारत में भी नागरिकों को ज्यादातर पैदल चलने और साईकल का इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने और सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसके इलावा सड़कों को इतना सुरक्षित और साफ़ सुथरा करना होगा के पैदल चलने जा साईकल चलाने में लोग ख़ुशी महसूस करें।
जाने -अनजाने में हम अनेक समस्याएं ख़ुद पैदा करते हैं नागरिकों को अपनी कुछ आदतें और तौर तरीकों को पूर्ण रूप से बदलना होगा और सड़क सुरक्षा को लेकर हमें जागरूकता दिखानी होगी तभी हम सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। (500 Words)
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