Poem on 15 August in Hindi स्वतंत्रता दिवस पर कविता
आज़ादी का दिनकितनी मौतें देखी हम ने
कितनों को हमने खोया है
भाई की फ़िक्र में
बहना रोयी
भाई भी पल -पल रोया है
कितनी बिंदिया उजड़ी होगी
कितने घर बर्बाद हुए
उन बलिदानों के कारण ही
हम सब आज आबाद हुए
यह आज़ादी का दिन हमें
शहीदों की याद दिलाता है
कैसे मिलती है आज़ादी
उसकी कीमत बतलाता है
इस कीमत को समझो यारो
यह अमूल्य कमाई है
इसकी खातर ही शहीदों ने
अपनी जान गंवाई है
आज़ादी भी अपनी
यह देश ही हमारा है
शहीदों ने अपने रक्त से
इसे संवारा है
आओ मिलकर
कुछ एसा इंतजाम करें
देश हमारा रहे महान कुछ
ऐसा काम करें - लेखक : सानिया जायसवाल
Read - बच्चों की कविताएं
Poem on Independence Day in Hindi, 15 अगस्त पर कविताएं
स्वतंत्र भारत - Desh Bhakti par Kavita
हम स्वतंत्र भारत के बच्चे हैं
आजादी मुझको प्यारी है
अब नहीं किसी का डर है
जाति -धर्म का भेद नहीं है
सीखा हमने मिलकर रहना
दीन -दुखियों की सेवा करना
गांधी -नेहरु का यह प्यारा देश
सबसे है यह न्यारा देश
आओ आज हम तिरंगा फहराएं
अपनी आजादी का पर्व मनाएं
शशांक शेखर मिश्रा
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हम सब के चेहरे पर
रंग खिल जाता है
भारत माता के खातिर
लाखों ने दी थी कुर्बानी
वीरों ने जो लड़ी थी लड़ाई
सदियों बाद हमें जीत मिल पायी
कोई नहीं कर पायेगा
उनकी भरपाई
आज़ादी की लड़ाई में
जिन्होंने जान गंवाईं
आज भी हमें याद है
वे आज़ादी के लिए लड़े
थे जो वो
उनके बलिदान के खातिर ही
दिलानी है।
भारत को नयी पहचान
अब विकास की राह पर
कदमों को बस यूहीं
बढ़ाते जाना है
एक इतिहास बनाना है
एक नया भारत बनाना है।
लेखक - दीपक राम
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Azadi par Kavita , Desh Bhakti par Kavitaखेल -कूद की, पढ़ने की आजादी है
हमको आगे बढने की आजादी है
अमन -चैन से रहने की आजादी है
अपनी बातें कहने की आजादी है
हर थल आने -जाने की आजादी है
अपना धर्म निभाने की आजादी है
मन का खाने -पीने की आजादी है
खुशियों के संग जीने की आजादी है
लेकिन अपनी सीमा है आजादी की
वरना बनती वजय यही बर्बादी की
आजादी का मतलब दंगा -खून नहीं
जिसको सब तोड़े, ऐसा कानून नहीं
आजादी का मतलब है, उत्पात नहीं
ओरों का हक छीने ये अच्छी बात नहीं
आजादी का मतलब, प्रेम राम -रब से
सबको हो उत्थान एकता हो सब में
आजादी का मतलब देश संवारे हम
शान तिरंगे की कुछ ओर निखरे हम
सूर्यकुमार पांडेय
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सूर्य की पहली किरण
मुस्कराती आज
डाल -डाल और पात -पात
खुशियां बिखरी आज
15 अगस्त मना रहे हैं
खुशियों का त्योहार है यह
रहें खुश आपस में हम सब
कभी न झगड़ा कभी न झंझट
चलो लहराएं झंडा हम सब
बड़ी मुश्किल से मिली आजादी
कभी न देश होगा पराधीन
दुश्मनों को मार भगाकर
नाचें गाये ताक धिन -धिन
मुनटुन राज
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15 August Poem in Hindiदेश की खातिर मरते हैं
जब सारी दुनिया सोती है
सरहद पर जागते रहते हैं
हम उस गुलशन के फूल हैं
जो पूर्वज के खून से सींचे गए
हम उस धरती के लाल हैं
जो हर चट्टानों से लड़ते हैं
हर घर में आये खुशहाली
हर खेत में छाये हरियाली
हर घर का बच्चा शिक्षित हो
हम ऐसी कामना करते हो
यह हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
सब हैं आपस में भाई
है रंग लहू का एक जैसा
फर क्यों आपिस में लड़ते हैं
हम आजादी के मतवाले हैं
देश की खातिर मरते हैं।
लेखक - रुकय्या अनवर
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Independence day ki kavita Azadi ka Arth
आज़ादी का अर्थ
समझते नहीं लोग
अधिकार ही नहीं
कर्तव्य भी जरूरी है
अधिकार के लिए लड़ो
कर्तव्यों का पालन करो
तभी मकसद पूरा होगा
भारत की आज़ादी का
साकार करो बापू का सपना
अपनाओ नेहरु जी की बातें
इंदिरा गांधी की शक्ति ओर
लाल बहादुर की ईमानदारी
खूबी मोहन
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गांव का बालिकएक गांव की है यह शान
ईंट के ऊंचे -ऊंचे मकान
इसके निवासी बड़े कमाल
पढ़ -लिखकर सब विद्वान्
धर्म ज्ञान का उन्हें ज्ञान
गांव है ये आलीशान
वाह रे गांव मिर्जा मिरजान
गांव के लडके हैं बड़े अच्छे
विद्यालय में सब हैं पढ़ते
सबका वह करते सम्मान
ऐसा ही है बालक जीशान
कहता है भारत को महान
हम भी बनें अच्छा इन्सान
मो जीशान
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मेरा भारतआज़ादी का सच हुआ सपना
मेरा देश हो गया अपना
सारे राज्य के लोग हैं अपने
हम नहीं देंगे इसे बंटने
काफी नहीं यह सिर्फ आज़ादी
जरूरत है इसे अब संभालना
वीर सपूतों की यह विरासत
इसकी हम करेंगे हिफाजत
कई वीरों ने हम पर लुटाये प्राण
देश की खातिर हो गए कुर्बान
हिम्मत अब हम नहीं हारेंगे
इसे हम मिलकर संवारेंगे
रागिनी कुमारी
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अनेकता में एकता -अनेकता में एकता इसकी शान
इसीलिए हमारा भारत महान
न पूछो हमारी जाति -धर्म
हम तो हैं सिर्फ हिन्दुस्तानी
वतन हमारा एसा है
न छोड़ पायें कोई इसे
इससे रिश्ता हमारा ऐसा है
न तोड़ पायें कोई इसे
दिल हमारा एक है
दिल हमारी जान है
हिंदुस्तान हमारा है
हम इसकी शान हैं
अब वो नजारा याद करें
देश भक्तों का वो खून याद करें
जिसमें बहकर आजादी मिली हमें।
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