Poem on Science in Hindi
डार्विन की आशा विज्ञान
धरती से सूरज तक देखो
आज हमें लाया विज्ञान।
बल्ब ने किया जहां रौशन
पत्तों के रस से लेकर देखो
बन गयी है मेडिसिन।
नई है अब कोई अनजान।
मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर
सब कुछ इनके भीतर
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक
सबको है इसकी पहचान।
इस युग की उपयोगी और
उत्तम रचना है रोबोट
अंतरिक्ष से सागर तक
इसने किया जीवन आसान। लेखक - आरती लोहानी
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