Sunday, August 23, 2020

Paper boat poem in Hindi कागज की नाव पर कविता

Paper boat poem in Hindi कागज की नाव पर कविता


Paper boat poem in Hindi कागज की नाव पर कविता
 
 
बरसेंगे जब बादल
खूब चलाऊंगा
कागज की नाव
भीग भीग जाऊंगा आंगन में
भीगे भीगे पंख पंछियों के
फड़ फड़ आएंगे आंगन में।
नन्ही सी गिलहरी भी
धूम मचाएगी आंगन में
रुठे रुठे से बादल भैया
 
जल्दी जल्दी मान जाओ
अपने हिस्से की दूध मलाई
तुमको ही खिलाऊंगी आंगन में
तुम बिना सब सूखा सूखा
नहीं खेलता कोई पत्ता आंगन में
आज किसान भैया भी
उदास उदास सी रहते हैं खेत में
-पुरुषोत्तम व्यास

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