Heart touching story - 11-12 साल के बालक ने बड़े आश्चर्य में भोजन करना छोड़कर अपनी बिधवा माँ से पूछा माँ तुम रो क्यों रही हो? माँ ने टालते हुए कहा "कोई बात नहीं है" किन्तु बालक की संतुष्टि नहीं हुई। उसे उस बात को जानने की इच्छुकता और बढ़ गयी उसने कहा नहीं माँ अवश्य कोई बात जरूर होगी।
तभी माँ ने कहा पुत्र तुम्हारा भाग्य बड़ा बलवान है एक दिन तुम बड़े आदमी बनोगे तुम बहुत धनवान बन जाओगे। माँ की बात सुनकर बेटे ने कहा माँ इसमें रोने की क्या बात है यह तो ख़ुशी की बात है तभी विधवा माँ ने रोते रोते बोला बेटा जब आदमी के पैसा बहुत सारा पैसा आ जाता है वह धनवान बन जाता है वह सभी रिश्ते नाते भूल जाता है यह इंसान की फितरत है इसीलिए मुझे रोना आ रहा है।
के मेरा एकमात्र सहारा छूट जाएगा और में अकेली किस के सहारे जी पाउंगी। बालक तेज़ बुद्धि का मालिक था उसके मन में बार बार यह सवाल उठ रहा था के आखिर मेरी माँ को पता कैसे चला के में बड़ा होकर अमीर बन जाऊंगा माँ की जिद्द के आगे उसे सारी बात बतानी पड़ी माँ ने बताया के बेटा एक बड़े ज्योतिषी ने तुम्हारे सामने के दो दांत बाहर निकले देखकर बताया था के तुम बड़े होकर बहुत धनवान इंसान बनोगे।
माँ के दुःख से दुखी होकर बालक उठा और बोला माँ में अभी आया। झट पट उस बच्चे ने बाहर जाकर एक पत्थर से अपने आगे के दोनों दांतों को तोड़ दिया। लहुलुहान बालक ने अपनी माँ के पास आकर बोला माँ अब मुझे धन दौलत और शौहरत हासिल नहीं होगी अब में बड़ा होकर केवल माँ की सेवा करूंगा। माँ ने रोते रोते अपने बेटे को सीने से लगा लिया यह बालक आगे जाकर बड़ा ही विद्द्वान बना जो पूरी उम्र कुंवारा रहकर अपनी माँ की सेवा में तल्लीन रहा।
लेखक - राम प्रकाश शर्मा
तभी माँ ने कहा पुत्र तुम्हारा भाग्य बड़ा बलवान है एक दिन तुम बड़े आदमी बनोगे तुम बहुत धनवान बन जाओगे। माँ की बात सुनकर बेटे ने कहा माँ इसमें रोने की क्या बात है यह तो ख़ुशी की बात है तभी विधवा माँ ने रोते रोते बोला बेटा जब आदमी के पैसा बहुत सारा पैसा आ जाता है वह धनवान बन जाता है वह सभी रिश्ते नाते भूल जाता है यह इंसान की फितरत है इसीलिए मुझे रोना आ रहा है।
के मेरा एकमात्र सहारा छूट जाएगा और में अकेली किस के सहारे जी पाउंगी। बालक तेज़ बुद्धि का मालिक था उसके मन में बार बार यह सवाल उठ रहा था के आखिर मेरी माँ को पता कैसे चला के में बड़ा होकर अमीर बन जाऊंगा माँ की जिद्द के आगे उसे सारी बात बतानी पड़ी माँ ने बताया के बेटा एक बड़े ज्योतिषी ने तुम्हारे सामने के दो दांत बाहर निकले देखकर बताया था के तुम बड़े होकर बहुत धनवान इंसान बनोगे।
माँ के दुःख से दुखी होकर बालक उठा और बोला माँ में अभी आया। झट पट उस बच्चे ने बाहर जाकर एक पत्थर से अपने आगे के दोनों दांतों को तोड़ दिया। लहुलुहान बालक ने अपनी माँ के पास आकर बोला माँ अब मुझे धन दौलत और शौहरत हासिल नहीं होगी अब में बड़ा होकर केवल माँ की सेवा करूंगा। माँ ने रोते रोते अपने बेटे को सीने से लगा लिया यह बालक आगे जाकर बड़ा ही विद्द्वान बना जो पूरी उम्र कुंवारा रहकर अपनी माँ की सेवा में तल्लीन रहा।
लेखक - राम प्रकाश शर्मा
0 comments: