Teetar Bird Information in Hindi
- तीतर एक पक्षी है जिसे अंग्रेजी में Pheasant कहा जाता है।
- संसारभर में तीतर की बहुत सारी प्रजातियां पायी जाती हैं जो ज्यादातर भारत में हैं।
- प्राचीन समय में किसान अपनी फसलों पर कीटनाशक दवाईओं का इस्तेमाल नहीं करते थे और फसलों को खाने वाले कीड़े -मकौडों को किसान के मित्र पक्षी कण्ट्रोल में रखते थे जिसमें से तीतर उनमे से एक है जो फसलों को बर्बाद करने वाले कीटनाशकों को चट कर जाता है।
- तीतर दो तरह को होते हैं काले रंग के तीतर और भूरे रंग के तीतर।
- लागातर कीटनाशक दवाईयों के प्रयोग से आज कल तीतर बहुत कम दिखाई देते हैं यह लगातार अलोप होते जा रहे हैं।
- तीतर को उड़ना ज्यादा अच्छा नहीं लगता। वह अधिक ऊँची और लम्बी उड़ान नहीं भर पाता।
- तीतर (Teetar) पक्षी जमीन के अंदर दरारों में अपना घोंसला बनाता है।
- तीतर एक शर्मीला पक्षी है जो ज्यादातर अकेला अथवा छोटे -छोटे झुंडों में रहना पसंद करता है।
- तीतर (Teetar) की आवाज़ बड़ी तेज़ होती है आवाज़ सुनते ही अन्य तीतर भी उसकी आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाते हैं।
- तीतर ज्यादातर बीज , फल , बेरियां और अनाज खाना पसंद करता है।
- तीतर अपने तेज़ पंजों के द्वारा जमीन की मिट्टी निकाल कर छोटे -छोटे नए पौधे निकालकर खा जाता है।
- दीमक और चींटियां इसका पसंदीदा आहार है।
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- यह घने जंगलों की वजाय झाड़ियों और घास फूस वाली जगहों पर ररहना ज्यादा पसंद करते हैं।
- मादा तीतर का प्रजनन काल अप्रैल से जून तक होता है।
- मादा तीतर 8 से लेकर 12 अंडे देती है।
- मादा तीतर अण्डों को 20 दिनों तक सेती है।
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- नर तीतर झाड़ियों में खड़े होकर बड़े ही अनूठे ढंग से मादा तीतर को आकर्षित करते हैं।
- काले तीतर (Teetar) को हरियाणा का राज्य पक्षी होने का गौरव प्राप्त है।
- काला तीतर भारत के इलावा पाकिस्तान , नेपाल , भूटान और ईरान में भी पाया जाता है।
- संसारभर में तीतर की 40 से भी ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं।
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