Trees Poem Hindi Language (kavita)
टुकड़ों टुकड़ों में मत बांटों
दर्द मुझे भी होता है
मन मेरा भी रोता है
में तो सखा तुम्हारा हूं
मित्र सबसे न्यारा हूं
मित्र सबसे न्यारा हूं
फल में खुद नहीं खाता हूं
सभी तुम्हे ही दे जाता हूं
सभी तुम्हे ही दे जाता हूं
जहरीली गैसें पी जाता
शुद्ध हवा तुम तक पहुंचाता
शुद्ध हवा तुम तक पहुंचाता
झूम झूम के जब लहराऊँ
मानसून के बादल लाऊँ
मानसून के बादल लाऊँ
धरती का श्रुंगार करूं
सूरज का सब ताप हरू
सूरज का सब ताप हरू
जीवन का में हूं आधार
फिर भी तुम मुझ पर करते प्रहार
फिर भी तुम मुझ पर करते प्रहार
सुनों बात तुम देकर कान
वृक्षों का करना सम्मान
वृक्षों का करना सम्मान
रखवाली हरियाली की
चाबी खुशहाली की
लेखक - इंजी - आशा शर्मा - Thanksचाबी खुशहाली की
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HINDI POEM ON TREE FOR CLASS 3, 5आओ बच्चों
मिलजुल कर
हम पेड़ लगाएं।
पेड़ लगाकर
अपनी धरती
को सुंदर बनाएं।
अपनी धरती
को सुंदर बनाएं।
पेड़ हमें छाया दें
मीठे फ़ल दें
जीवन वायु भी
अपने अंग भी।
हर अंग सुख पहुंचाता।
मीठे फ़ल दें
जीवन वायु भी
अपने अंग भी।
हर अंग सुख पहुंचाता।
तभी तो मैं गाता
आओ बच्चो
मिलजुल कर
पेड़ लगाएं। - के एल दिवान।
आओ बच्चो
मिलजुल कर
पेड़ लगाएं। - के एल दिवान।

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