Coconut Tree information in Hindi - नारियल का पेड़ विश्वभर में पाया जाता है ये वृक्ष 25 से 30 मीटर तक उंचा होता है इसका तना बहुत मजबूत और कठोर होता है।
सबसे ज्यादा नारियल के पेड़ केरल में पाए जाते हैं इसीलिए केरल को नारियल का बगीचा भी कहा जाता है।
नारियल से हमें अमुत जैसा मीठा पानी मिलता है और नारियल के गोले से तेल निकाला जाता है और इसके तनों का प्रयोग पानी की नाली बनाने में किया जाता है।
इसके वृक्ष से रस्से , चटाई आदि चीज़ें बनाने के लिए रेशे प्रदान करता है।
नारियल की लकड़ी का प्रयोग घरों की छत बनाने और इसकी पत्तियों का प्रयोग छत बनाने में किया जाता है ।
इसके पेड़ पर पूरे वर्ष भर फल लगते रहते हैं पर मार्च से जुलाई तक ज्यादा फल लगते हैं।
एक वृक्ष पर हर वर्ष औसतन 100 जा 120 फल ही लगते है।
इसका फल शुरू शुरू में हरा पीलापन लिये हुए हरे रंग का होता है किन्तु पकने पर इसका रंग भूरा हो जाता है।
नारियल को बड़ा ही उपयोगी वृक्ष माना जाता है इसके फल सागर के मध्य बसे हुए दीपों में रहने वाले लोग इसका प्रयोग भोजन के तौर करते हैं ।
भारत में तो नारियल के फल को धार्मिक मान्यता भी दी गयी है माना जाता है इसमें भगवान शिव का निवास है इसमें मौजूद तीन छेद शिव की आंखें हैं और जटाएं शिव की जटाएं हैं , नारियल तोडना मनुष्य के अहंकार को समाप्त करने के समान समझा जाता है
सबसे ज्यादा नारियल के पेड़ केरल में पाए जाते हैं इसीलिए केरल को नारियल का बगीचा भी कहा जाता है।
नारियल से हमें अमुत जैसा मीठा पानी मिलता है और नारियल के गोले से तेल निकाला जाता है और इसके तनों का प्रयोग पानी की नाली बनाने में किया जाता है।
इसके वृक्ष से रस्से , चटाई आदि चीज़ें बनाने के लिए रेशे प्रदान करता है।
नारियल की लकड़ी का प्रयोग घरों की छत बनाने और इसकी पत्तियों का प्रयोग छत बनाने में किया जाता है ।
इसके पेड़ पर पूरे वर्ष भर फल लगते रहते हैं पर मार्च से जुलाई तक ज्यादा फल लगते हैं।
एक वृक्ष पर हर वर्ष औसतन 100 जा 120 फल ही लगते है।
इसका फल शुरू शुरू में हरा पीलापन लिये हुए हरे रंग का होता है किन्तु पकने पर इसका रंग भूरा हो जाता है।
नारियल को बड़ा ही उपयोगी वृक्ष माना जाता है इसके फल सागर के मध्य बसे हुए दीपों में रहने वाले लोग इसका प्रयोग भोजन के तौर करते हैं ।
भारत में तो नारियल के फल को धार्मिक मान्यता भी दी गयी है माना जाता है इसमें भगवान शिव का निवास है इसमें मौजूद तीन छेद शिव की आंखें हैं और जटाएं शिव की जटाएं हैं , नारियल तोडना मनुष्य के अहंकार को समाप्त करने के समान समझा जाता है
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