चादर के बाहर पैर पसारना (आय से ज्यादा खर्च करना) - चादर से बाहर पैर पसारने वाले अक्सर लोग दुखी ही रहते हैं।
चोली दामन का साथ (हमेशा साथ रहना) - राम और शाम चाहे जितना मर्जी झगडा कर लें फिर उनमें चोली दामन का साथ है क्योंकि वह एक दुसरे के बिना नहीं रह सकते।
टस से मस न होना (परवाह नहीं करनी) - रमेश को जितना चाहे समझा दो के बुरे लोगों का साथ छोड़ दो किन्तु वे तो टस से मस नहीं होता और बुरे लोगों का साथ देता है।
धूप में बाल सफेद न होना (अनुभवी होना) - देखो मेरा कहना मान लो मैंने ऐसे ही धूप में बाल सफेद नहीं किये।
पत्थर की लकीर होना (पक्की बात होना) - सरदार पटेल का कहना पत्थर की लकीर होता था।
पाँचों उंगलियां घी में होना (बहुत ज्यादा फायदा मिलना) - चीज़ों के भाव चढ़ जाने से व्यापारियों की पांचों उंगलियां घी में रहती हैं।
मिट्टी का माधो (कुछ न करने वाला ) - परगट बिल्कुल ही मिट्टी का माधो है उसे जितना चाहे समझा लो उस पर कोई असर नहीं होता।
रंग में भंग डालना (मजा किरकरा कर देना) - इतना अच्छा मैच हो रहा था के बारिश ने रंग में भंग डाल दिया।
लोहा लेना (डट कर टक्कर लेना) - चुनाव में जनता पार्टी ने कांग्रेस से लोहा लिया और बहुमत से जीत हासिल की।
हक्का बक्का रहना (चौंक जाना) - अपने शत्रु को अपने घर पर आया देखकर मान हक्का बक्का रह गया।
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