Chand poem in Hindi for children
तू है कितना सुंदर
जैसे कोई चांदी का पत्थर
हर कोई तुमसे तुलना करता
दे चांदनी तू
सबके मन को हरता
कभी छोटा कभी बड़ा हो जाता
कभी खाली कभी पूरा भर जाता
तू अपना काम है करते रहता।
क्या ठंडी -गर्मी तुझे नहीं लगती
तू हमसे हैं कोसों दूर
पर रहता पास हमेशा
आज मुझे बता दे तू
वहां है कैसा
अकेले भूखे प्यासे
तुझे क्या मन लगता है वहां
तेरे मम्मी -पापा बता है कहाँ
अगर होता पंख मेरे पास
तो चला आता तेरे पास
और बनाकर दोस्त तुझे
रखता सदा अपने पास।
लेखक -प्रभाकर कुमार
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