Saturday, June 16, 2018

Bachpan Poem in Hindi बचपन पर कविता

Bachpan Poem in Hindi बचपन पर कविता

Bachpan Poem in Hindi बचपन पर कविता


हंसता गाता झूमता बचपन
धरती जैसा घूमता बचपन
सूरज जैसा चमकता बचपन
सिक्के जैसा खनकता बचपन।

छोटी -छोटी बातों पर अड़ना
छीना झपटना रोना -लड़ना
फिर हंसना और गले मिलना
कहां मिलेगा ऐसा भोलापन।

दुनियादारी से बेसमझ बचपन
जाने न कोई चालाकी कपटपन
हर एक से जताये अपनापन
कहां मिलेगा ऐसा सच्चापन।

सुर नहीं जानता फिर भी जाता
कुछ नहीं जानता फिर भी इतराता
बोल नहीं सकता फिर भी बतलाता।

मासूम सौम्य मधुर सा पागलपन
तितलियों के पीछे भागता बचपन
दिन में सोता रात को जागता बचपन।

बस एक टॉफी से मानता बचपन
भागते -भागते थक कर हांफता बचपन
बचपन, बचपन ऐ बचपन, तुझे सलाम

'आबा' हर कोई याद करेगा अपना बचपन
जब आ जायेगी उसकी उम्र पच्पन

लेखक - अमन शर्मा आबा
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Poem on Childhood in Hindi -2 

ले -लो मेरी सारी दौलत

पर वह बचपन मेरा लौटा दो कोई

शोर -शराबा बहुत हो गया

मां सी लोरी सुना दे कोई

पोंछ के मेरे सारे आंसू

मेरी गुड़िया ला दे कोई

गिनती तो हूं आज भी में

ऊँगली थाम कर चला दे कोई

मुस्कराती तो आज भी हूं

वह खिलता चेहरा ला दे कोई

सांस तो आज भी लेती हूं

जीना मुझे सीखा दे कोई

ले -लौ मेरी सारी दौलत

पर वह बचपन मेरा लौटा दे कोई

लेखक - भारती कुमारी



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