Ganga River Essay in Hindi - गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदी माना गया है। लोग गंगा को गंगा मैया जा गंगा माता के नाम से भी पुकारते हैं। गंगा के प्रति भारतीय लोगों के मन में बहुत श्रद्धा है। माना जाता है के जो भी इन्सान सच्ची श्रद्धा से गंगा में स्नान करता है उसके सारे किये बुरे कर्म यहां धुल जाते हैं। इसके इलावा लोग गंगा के पानी को अपने घरों में रखते हैं और हर कार्य में इसका इस्तेमाल करते हैं। गंगा नदी हिमालय से निकलती है और बंगाल की घाटी में जाकर विसर्जित हो जाती है। गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है गंगा का यह नाम राजा भागीरथी के नाम से पड़ा था।
गंगा का जल कई वर्षों तक ख़राब नहीं होता वर्षों तक इसमें कीटाणु नहीं पनपते। गंगा के तट पर बहुत सारे स्थान वसे हुए हैं जैसे काशी ,बनारस , हरिद्वार आदि प्रमुख हैं। गंगा सभी जगह एक जैसी नहीं है इसका आकार बदलता रहता है आरंभ में यह सिकुड़ी सी है परन्तु मैदानी इलाकों में यह चौड़ी दिखने लगती है। बहुत सारे त्यौहारों का गंगा से सीधा सबंध है जैसे मकर संक्रांति और कुंभ का मेला इसके इलावा गंगा के तटों पर अनेकां मेलों और त्योहारों का आयोजन किया जाता है।
राजा सागर नाम का एक राजा था जिसने जादुई तरीके से साथ हज़ार पुत्रों की प्राप्ति की थी। एक दिन राजा सागर ने अपना सम्राज्य बढ़ाने के लिए एक यज्ञ किया इस यज्ञ के लिए एक घोड़े की आवशयकता पडती थी और घोड़े को खुला छोड़ दिया जाता था घोड़ा जिस राज्य में जाकर रुक जाता था तो वो राज्य यज्ञ करने वाले राजा का हो जाता था।
इसी तरह राजा सागर के यज्ञ में भी घोड़ा छोड़ दिया गया देव इंद्र को चिंता सताने लगी थी के यदि यह घोड़ा स्वर्ग में पहुँच गया तो स्वर्ग राजा सागर का हो जाएगा। इंद्र ने घोड़ा पकड़कर एक ऋषि के समीप बांध दिया ता जो राजा को इस बात का पता ना चले के घोड़ा इंद्र ने चुराया था। उस वक्त ऋषि ध्यान मुद्रा में खोए हुए थे।
कुछ देर के बाद राजा को पता चल गया की किसी ने उसके घोड़े को पकड़ लिया उसने अपने साठ हज़ार पुत्रों को घोड़ा ढूंढने के लिए भेज दिया। सागर के पुत्रों ने कुछ समय के पश्चात पता लगा लिया के घोड़ा किसी ऋषि के आश्रम में बांधा हुआ था। राजा के पुत्रों ने उस ऋषि को ध्यान मुद्रा से जगा दिया और उसका अपमान करने लगे। ऋषि ने अपनी तपस्या को भंग करने की वजय से गुस्से में आकर राजा के सभी पुत्रों को अग्नि में भस्म कर दिया। सागर के पुत्रों की आत्माए भटकने लगी। राजा सागर ने अपने पुत्रों की आत्माओं की मुक्ति के लिए कई प्रयास किये परन्तु असफल रहे।
इसके बाद समय गुजरता गया आखिर भागीरथी नामक राजा का जन्म हुआ उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आने का निश्चय किया तो जो अस्थियों को गंगा के जल में प्रवाहित किया जाए।
भागीरथी राजा ने ब्रह्मा जी का घोर तपस्या की ब्रह्मा जी कई वर्षों के बाद भागीरथी की भक्ति से प्रसन्न होकर उनके सामने प्रगट हुए तब भागीरथी ने ब्रह्मा जी से गंगा को धरती पर लाने का वरदान माँगा। परन्तु गंगा का वेग इतना ज्यादा था के यदि वो स्वर्ग से धरती पर जाएगी तो धरती गंगा में ही समा जाएगी तब भागीरथ ने भगवान शिव से निवेदन किया के वह गंगा को अपनी जटाओं में बांधकार उसका धरती पर जाने का वेग कम करें इस तरह शिव ने गंगा के प्रवाह को अपनी जटाओं में लेकर उसका धरती पर जाने का वेग कम किया और गंगा एक धरा में धरती में जाने दिया। इस तरह पृथ्वी पर गंगा का जन्म हुआ था।
गंगा का जल कई वर्षों तक ख़राब नहीं होता वर्षों तक इसमें कीटाणु नहीं पनपते। गंगा के तट पर बहुत सारे स्थान वसे हुए हैं जैसे काशी ,बनारस , हरिद्वार आदि प्रमुख हैं। गंगा सभी जगह एक जैसी नहीं है इसका आकार बदलता रहता है आरंभ में यह सिकुड़ी सी है परन्तु मैदानी इलाकों में यह चौड़ी दिखने लगती है। बहुत सारे त्यौहारों का गंगा से सीधा सबंध है जैसे मकर संक्रांति और कुंभ का मेला इसके इलावा गंगा के तटों पर अनेकां मेलों और त्योहारों का आयोजन किया जाता है।
Ganga River History in Hindi
राजा सागर नाम का एक राजा था जिसने जादुई तरीके से साथ हज़ार पुत्रों की प्राप्ति की थी। एक दिन राजा सागर ने अपना सम्राज्य बढ़ाने के लिए एक यज्ञ किया इस यज्ञ के लिए एक घोड़े की आवशयकता पडती थी और घोड़े को खुला छोड़ दिया जाता था घोड़ा जिस राज्य में जाकर रुक जाता था तो वो राज्य यज्ञ करने वाले राजा का हो जाता था।
इसी तरह राजा सागर के यज्ञ में भी घोड़ा छोड़ दिया गया देव इंद्र को चिंता सताने लगी थी के यदि यह घोड़ा स्वर्ग में पहुँच गया तो स्वर्ग राजा सागर का हो जाएगा। इंद्र ने घोड़ा पकड़कर एक ऋषि के समीप बांध दिया ता जो राजा को इस बात का पता ना चले के घोड़ा इंद्र ने चुराया था। उस वक्त ऋषि ध्यान मुद्रा में खोए हुए थे।
कुछ देर के बाद राजा को पता चल गया की किसी ने उसके घोड़े को पकड़ लिया उसने अपने साठ हज़ार पुत्रों को घोड़ा ढूंढने के लिए भेज दिया। सागर के पुत्रों ने कुछ समय के पश्चात पता लगा लिया के घोड़ा किसी ऋषि के आश्रम में बांधा हुआ था। राजा के पुत्रों ने उस ऋषि को ध्यान मुद्रा से जगा दिया और उसका अपमान करने लगे। ऋषि ने अपनी तपस्या को भंग करने की वजय से गुस्से में आकर राजा के सभी पुत्रों को अग्नि में भस्म कर दिया। सागर के पुत्रों की आत्माए भटकने लगी। राजा सागर ने अपने पुत्रों की आत्माओं की मुक्ति के लिए कई प्रयास किये परन्तु असफल रहे।
इसके बाद समय गुजरता गया आखिर भागीरथी नामक राजा का जन्म हुआ उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आने का निश्चय किया तो जो अस्थियों को गंगा के जल में प्रवाहित किया जाए।
भागीरथी राजा ने ब्रह्मा जी का घोर तपस्या की ब्रह्मा जी कई वर्षों के बाद भागीरथी की भक्ति से प्रसन्न होकर उनके सामने प्रगट हुए तब भागीरथी ने ब्रह्मा जी से गंगा को धरती पर लाने का वरदान माँगा। परन्तु गंगा का वेग इतना ज्यादा था के यदि वो स्वर्ग से धरती पर जाएगी तो धरती गंगा में ही समा जाएगी तब भागीरथ ने भगवान शिव से निवेदन किया के वह गंगा को अपनी जटाओं में बांधकार उसका धरती पर जाने का वेग कम करें इस तरह शिव ने गंगा के प्रवाह को अपनी जटाओं में लेकर उसका धरती पर जाने का वेग कम किया और गंगा एक धरा में धरती में जाने दिया। इस तरह पृथ्वी पर गंगा का जन्म हुआ था।
Ganga River Essay in Hindi गंगा नदी पर निबंध
- गंगा दुनिया की पांचवी सबसे दूषित नदी है।
- गंगा नदी की लम्बाई 2510 किलोमीटर है।
- गंगा का पानी कई वर्षों तक ख़राब नहीं होता है।
- गंगा भारत की राष्ट्रीय नदी है।
- इस नदी में मछलियों के इलावा डॉलफिन भी पाई जाती है।
- कथाओं के अनुसार ब्रह्मा ने विष्णु के पैर के पसीने से गंगा का निर्माण किया।
- गंगा नदी के तट पर बहुत सारे तीर्थ स्थल हैं जैसे इनमें से वाराणसी और हरिद्वार प्रमुख्य है।
- भारत की खेती में गंगा नदी का बहुत बड़ा सहयोग है इस नदी से कृषि क्षेत्रों की सिंचाई के लिए पूरा वर्ष जल मिलता है।
- गंगा नदी में रोफ्टिंग भी की जाती है भारी मात्रा में पर्यटक नदी में रोफ्टिंग का मज़ा उठाते हैं।
- गंगा जल को अमृत के सामान माना जाता है और इस पानी से पूजा अर्चना भी करते हैं।
- भारत में लोग गंगा के जल को घर में रखते हैं और शुभ कार्यों के लिए इसे प्रयोग करते हैं।
- गंगा नदी में बेक्टेरिओफेज नाम का विषाणु है जो पानी में जीवाणुओं को खत्म कर देते हैं जिस कारण पानी ख़राब नहीं होता।
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