Sunday, August 23, 2020

Jaise Ko Taisa kahani in Hindi

एक समय की बात है के एक गाँव में एक दर्जी रहता था। यो गाँव बालों के कपड़े सिलकर अपने परिवार का पेट पालता था। उसी गाँव में एक हाथी रहता था। यो दर्जी की दूकान से होकर हर रोज नदी में नहाने के लिए जाया करता था। एक बार जब हाथी नदी में नहाने के लिए जा रहा था तब दर्जी ने हाथी को देखते ही उसे एक केला खाने के लिए दिया। उस दिन से हाथी हर रोज दर्जी के दुकान पर आता और दर्जी उसे ऱोज कुछ ना कुछ खाने के लिए देता। वो आपस में पक्के मित्र बन चुके थे।

एक दिन उस दर्जी ने हाथी के साथ मजाक करने की सूझी। जब हाथी रोज की तरह उसकी दुकान पर आया तब दर्जी ने हाथी को केले की वजाए उसकी सूंड में सुई चुवो दी। हाथी को बहुत गुस्सा आया परन्तु वो वहां से नदी में नहाने चला गया।

 परन्तु नहाने के बाद उस हाथी ने लौटते समय अपनी सूंड में खूब कीचड़ भर लिया। हाथी दर्जी की दूकान के साहमने आया और दर्जी वहां पर कपड़े सिल रहा था और हाथी ने उसकी दूकान की खिड़की में से सारा कीचड़ दर्जी और उसके कपड़ों पर छोड़ दिया। अब दर्जी के सारे कपडे ख़राब हो चुके थे। दर्जी अपने किये मजाक पर बहुत पछता रहा था।


शिक्षा - जैसा करोगे वैसा भरोगे। इसीलिए यदि तुम किसी को दुख दोगे तो बदले में तुम्को भी दुख ही मिलेंगे।

 ____

इन्हें भी पढ़ें 
  1. मगरमच्छ और चालाक लूमड़ी
  2. राजा और मकड़ी प्रेरक कहानी 
  3. चालाक बन्दर     

SHARE THIS

Author:

EssayOnline.in - इस ब्लॉग में हिंदी निबंध सरल शब्दों में प्रकाशित किये गए हैं और किये जांयेंगे इसके इलावा आप हिंदी में कविताएं ,कहानियां पढ़ सकते हैं

0 comments: